शेयर मार्केट में invest करने का तभी फायदा है यदि आपके द्वारा बनाया गया portfolio strong है। एक अच्छे portfolio के द्वारा ही अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सकता है और यह तभी संभव है यदि portfolio का management smart तरीके से किया जाए। यह काम बहुत सूझ बुझ का होता है, इसीलिए इसका जिम्मा portfolio manager का होता है।
आज के इस post में हम जानेंगे कि portfolio meaning in hindi क्या होता है? इस article के माध्यम से हम आपको portfolio से संबंधित जानकारी विस्तृत रूप से देने वाले हैं। तो आप हमारे साथ इस post के अंत तक जरूर बने रहे।
Portfolio का क्या मतलब होता है?
- बिजनेस के मामले में portfolio का अर्थ projects या कार्यक्रम की सूची से है।
- शेयर बाजार की बात करें तो, शेयर बाजार में portfolio shares के समूह को कहा जाता है।
- Investment के मामले में portfolio का मतलब invest उपायों की list से होता है।
Portfolio management क्या होता है? (Portfolio management meaning in Hindi)
Business में portfolio management वह होता है जो ऐसे project और कार्यक्रम बनाता है, जिसके द्वारा किसी कंपनी या संस्थान को अधिक से अधिक मुनाफा हो और नुकसान की गुंजाइश काफी कम हो।
ऐसे projects को चुनना, priority तय करना और उनका control वगेरह् भी portfolio management का ही हिस्सा होता है और इस जिम्मेदारी को निभाने वाली संस्था या व्यक्ति को portfolio manager कहा जाता है।
Portfolio manager क्या होता है?
Portfolio manager वह व्यक्ति या संस्था होती है जो किसी निवेशक व्यक्ति या निवेशक कंपनी की financial जरूरतों को समझते हुए, उनकी क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, ऐसी रणनीति तैयार करता है, जिससे अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सके और नुकसान की गुंजाइश को काफी कम किया जा सके। इस रणनीति को बनाने वाले व्यक्ति या संस्था को portfolio manager कहा जाता है।
निवेशक के द्वारा portfolio manager को ही रणनीति तैयार करके, उस पर पैसा लगाने की जिम्मेदारी दी जाती है।
Portfolio management के प्रकार
Portfolio management मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं:-
- Active portfolio management अर्थात क्षत्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन
- Passive portfolio management अर्थात निष्क्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन
- Discretionary portfolio management अर्थात विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन
- Non – Discretionary portfolio management अर्थात गैर विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन
सक्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन (Active portfolio management)
इस प्रकार के पोर्टफोलियो प्रबंधन में portfolio manager के द्वारा मार्केट की चाल को देखते हुए रणनीति बनाई जाती है। ऐसा खासकर तब किया जाता है जब आपकी investment का अधिकतर हिस्सा शेयरों में invest हो। Portfolio manger का उद्देश्य अच्छी रिटर्न प्राप्त करना होता है इसीलिए जब शेयरों के दाम घटते हैं तो वह खरीद लेता है और जब दाम में बढ़ोतरी होती है, तो वह उसे बेच देता है।
निष्क्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन (passive portfolio management)
इस तरह की management long term निवेश के लिए काफी अच्छी साबित होती है। इस प्रकार के पोर्टफोलियो मैनेजमेंट में बाजार की चाल को देखते हुए शुरू में ही शेयरों की list fix कर दी जाती है और उससे बाद में किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाती। इस तरह से पैसा index funds में लगाया जाता है, जिससे काफी अच्छे return की उम्मीद होती है।
विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन (Discretionary portfolio mangement )
विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन में, portfolio manger को पूरी तरह से छूट होती है कि वह निवेशकों के पैसे को अपनी सूझबूझ के द्वारा निवेश करें। इस प्रकार के management में पोर्टफोलियो मैनेजर निवेशक के लक्ष्य और उसकी risk की क्षमता के अनुसार एक अच्छी रणनीति बनाकर निवेश करता है। इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर को अपने client के शेयर कभी भी खरीदने या बेचने की पूरी छूट होती हैं।
गैर विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन (Non – Discretionary portfolio management )
इस तरह की management में portfolio manger केवल advise दे सकता है अर्थात उसकी भूमिका केवल financial adviser की होती है। इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर अपनी knowledge के मुताबिक investor को उसकी investment choices के अनुसार सलाह देता है। उस सलाह पर अमल करना, उसमें पैसा निवेश करना या फिर खारिज करना यह पूरी तरह से investor पर depend होता है।
Portfolio manage कैसे करें?
हम कुछ तरीके बताने वाले हैं जिनके जरिये आपको अपने पोर्टफोलियो को manage करने में मदद मिलेगी:-
- आप किसी professional की मदद ले सकते हैं। प्रोफेशनल market के movment के हिसाब से आपका portfolio manage करता है। कौन सा share कितने टाइम तक रखना है या कब खरीदना और बेचना है, यह सभी चीज़े एक professional ही manage करता है और time to time आपको update करता रहता है। यदि आप ऐसा करते है तो आपको personally अपने portfolio के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती।
- यदि आप स्वयं अपना पोर्टफोलियो manage कर रहे हैं तो आपको बाजार की बारीकियों से ज़रूर अवगत होना चाहिए। तभी आप अपने portfolio को strong बना सकते हैं।
- यदि आपका portfolio, fund मैनेजर handle कर रहा है तो उससे कम से कम 3 महीने में अपने portfolio की regarding उससे चर्चा करें।
- जब भी आप स्वयं पोर्टफोलियो handle करें तो वह बाजार की चाल पर जरूर नजर बनाए रखें। यदि किसी भी कारण से बाजार में अस्थिरता आती है तो वह आपके पोर्टफोलियो को effect करती है।
- आप technical और fundamental analysis जरूर सीखें, ताकि आप यह सुनिश्चित कर पाए कि कौन सा सstock कब खरीदना या बेचना है।
- Global cues से updated रहे। Market की खबरों से updated रहे।
- यदि आप portfolio मैनेजर से अपना पोर्टफोलियो manage करवाते हैं तो वह आपकी जरूरतों को समझते हुए रणनीति तैयार करता है और उसी हिसाब से पोर्टफोलियो में stock रखता है।
Portfolio management मे ध्यान रखने योग्य बाते
- सभी तरह की term and conditions को अच्छे से समझ ले।
- जरूरत के हिसाब से रणनीति तैयार करें।
- Portfolio की निगरानी रखना जरूरी होता है।
- यदि आप एक portfolio मैनेजर है तो कस्टमर की जरूरतों के हिसाब से portfolio की रणनीति तैयार करें।
- Market से updated रहे।
निष्कर्ष
दोस्तों, आज के इस post में हमने जाना कि portfolio meaning in hindi क्या होता है। इस पोस्ट में हमने आपको portfolio से संबंधित जानकारी से अवगत करवाया है। आशा करते हैं कि यह post आपको पसंद आया होगा। इस जानकारी को आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी जरूर शेयर करें।
यदि इस post से संबंधित कोई भी सुझाव आप हमें देना चाहते हैं तो हमें कमेंट जरूर करें और यदि इस post से संबंधित कोई भी प्रश्न आप हम से पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं।
FAQ
Investors की जरूरतों को समझना, invest करने के लिए रणनीति तैयार करना, पोर्टफोलियो का निर्माण करना, portfolio की निगरानी रखना, सुरक्षा विश्लेषण करना इत्यादि।
Finance में portfolio का अर्थ, किसी संस्था या कंपनी के द्वारा किए गए निवेश का एक collection होता है।
चार प्रकार के
Portfolio management मे एक ऐसी निवेश योजना को तैयार करना होता है जिससे किसी संस्था या व्यक्ति की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, उसे अधिक से अधिक फायदा मिल सके और कम से कम जोखिम हो।